
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ: राजधानी लखनऊ में सोमवार को भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक से जुड़े किसानों ने तीन जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया। लखनऊ समेत प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए किसानों ने गन्ना भुगतान की मांग की। गुस्साए किसानों ने खनन निदेशालय, चकबंदी आयोग और चीनी एवं गन्ना आयुक्त निदेशालय का घेराव किया। किसान हुक्का-पानी, राशन और लठ लेकर पहुंचे। गन्ना संस्थान पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की। युवा मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी दिगंबर सिंह ने कहा यह सरकार किसानों को गुमराह कर रही है। लंबे समय से हम लोगों के भुगतान नहीं हो रहा है। पूरे प्रदेश का किसान नाराज है। चौधरी दिगंबर सिंह ने कहा प्रदेश में जितने भी चीनी मिल हैं, उनके भुगतान का कोई अता-पता नहीं है। जब भी भुगतान की बात होती है, तब आयुक्त की तरफ से कहा जाता है इस साल मौका दे दें, अगले साल कर देंगे। उन्होंने कहा इस वर्ष पुराने कमिश्नर चले गए, नए कमिश्नर आए हैं। नए अधिकारी नया पहाड़ा पढ़ा रहे हैं। कब तक हम लोग पहाड़ा पढ़ते रहेंगे? चकबंदी के अंदर भी भ्रष्टाचार है। 60 सालों से अधिक हो गया लोगों को इंसाफ नहीं मिल रहा है। किसानों की जमीनों पर कब्जे हो रहे हैं। चकबंदी विभाग में पहले चोरी होती थी। अब तो डकैती हो रही है। यहां के सभी कर्मचारी प्रॉपर्टी डीलर हो गए हैं। बुंदेलखंड की माइनिंग की बड़ी समस्या है। मुरादाबाद से किसान नेता महेंद्र सिंह रंधावा ने कहा हम लोग परेशान होकर यहां आए हैं। आज गन्ने की खेती इतनी महंगी हो गई है, मगर कोई पूछने वाला नहीं है। हम नुकसान उठाकर गन्ने की खेती कर रहे हैं। फिर भी हमें पेमेंट नहीं मिल रहा है। सरकार हमें बताएं कि क्या बीमारी में हमारा इलाज मुफ्त हो जाएगा? क्या हमारे बच्चे मुफ्त में शिक्षा हासिल कर लेंगे? बेटियों की शादी बिना पैसे के हो जाएगी? क्या हमारे कर्ज बैंक माफ कर देगा? अगर यह सब कुछ नहीं हो सकता, तो हमारा भुगतान क्यों नहीं मिल रहा है? बिना पैसों के हम कैसे अपनी जरूरतें पूरी करें? किसान नेता महेंद्र सिंह रंधावा ने कहा हम लोग अपने साथ राशन, हुक्का, पानी और मच्छरदानी सब लाए हैं। जब तक मांग पर अंतिम मोहर नहीं लग जाती है, यहां से हिलने वाले नहीं हैं। आवश्यकता पड़ी तो और भी किसानों को लखनऊ बुलाया जाएगा।