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“DRDO High-Speed Rocket-Sled Test में भारत ने फाइटर एयरक्राफ्ट एस्केप सिस्टम का सफल परीक्षण किया। चंडीगढ़ की Rail Track Rocket Sled सुविधा में हाई-स्पीड नियंत्रित वेलोसिटी पर canopy severance, ejection sequencing और aircrew recovery को वैलिडेट किया गया। यह उपलब्धि भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में लाती है जिनके पास उन्नत escape system testing capability है।”

चंडीगढ़। DRDO High-Speed Rocket-Sled Test ने भारत को रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक और बड़ी सफलता दिलाई है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने चंडीगढ़ स्थित टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लेबोरेट्री (TBRL) के Rail Track Rocket Sled Facility पर फाइटर एयरक्राफ्ट एस्केप सिस्टम का हाई-स्पीड परीक्षण बेहद नियंत्रित गति (controlled velocity) पर सफलतापूर्वक किया।

इस परीक्षण में dual-sled system को LCA (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) के फोरबॉडी के साथ जोड़ा गया और multiple solid-propellant rocket motors के फेज्ड फायरिंग द्वारा जरूरत के मुताबिक नियंत्रित उच्च गति दिलाई गई। इस जटिल डायनेमिक टेस्ट ने तीन महत्वपूर्ण चरणों को प्रमाणित किया—

  • Canopy Severance (विमान की छत तोड़ने की प्रक्रिया),
  • Ejection Sequencing (पायलट सीट के सुरक्षित इजेक्शन का क्रम),
  • Complete Aircrew Recovery (पायलट की पूर्ण रिकवरी सुनिश्चित करना)

इस सफलता के बाद भारत उन दुनिया के अग्रणी देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है जो अपने देश में ही उन्नत फाइटर एयरक्राफ्ट एस्केप सिस्टम की टेस्टिंग करने की क्षमता रखते हैं। यह परीक्षण न केवल भारतीय वायुसेना के भविष्य के लड़ाकू विमानों के लिए पायलट सुरक्षा को एक नए स्तर तक ले जाएगा, बल्कि भारत की स्वदेशी रक्षा प्रणालियों की विश्वसनीयता और क्षमता को भी मज़बूत करेगा।

इस हाई-स्पीड रॉकेट-स्लेड परीक्षण ने यह साबित किया है कि भारत सिर्फ लड़ाकू विमान बना ही नहीं सकता, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उनके सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा-तंत्रों की टेस्टिंग भी स्वदेशी तकनीक से कर सकता है।

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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल

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