राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ। अन्तर्राष्ट्रीय अभिलेख दिवस के अवसर पर 09 से 14 जून के मध्य अपराह 3 बजे से सायं 5 बजे तक उत्तर प्रदेश राजकीय अभिलेखागार परिसर के अन्तर्गत शहीद स्मृति भवन में श्अभिलेख के प्रबन्धन एवं संरक्षण विषयक 06 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में छठवें दिन 14 जून को डॉ एसएन चौबे विभागाध्यक्ष, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय विशिष्ट अतिथि दिलीप कुमार गुप्ता वित्त नियंत्रक संस्कृति निदेशालय एसोसिएट प्रो डॉ सुशील कुमार पाण्डेय को निदेशक राजकीय अभिलेखागार अमित कुमार अग्निहोत्री ने अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में 137 शोधार्थी उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि डॉ एसएन चौबे द्वारा कार्यशाला के सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।प्रथम सत्र में शिव कुमार यादव क्षेत्र सहायक राजकीय अभिलेखागार ने अभिलेखागार में रोजगार की संभावनायें विषय पर व्याख्यान दिया गया। वर्तमान समय में 735 से अधिक अभिलेखागार कार्यशील हैं, जिनमें समय समय पर आर्काइविस्ट एवं अन्य पद विज्ञापित होते रहते हैं, जिसमें युवाओं को रोजगार का अवसर मिल सकता है। राष्ट्रीय अभिलेखागार भारत सरकार, अभिलेखागारों में एक वर्षीय आर्काइवल डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इच्छुक अभ्यर्थी डिप्लोमा प्राप्त कर समय समय पर विज्ञापित विभिन्न पदों पर सेवा का अवसर प्राप्त कर सकते हैं। विशिष्ट अतिथि डॉ सुशील कुमार पाण्डेय, दिलीप कुमार गुप्ता तथा डॉ एसएन चौबे ने प्रशिक्षार्थियों को उद्बोधन में कहा कि बिना अभिलेखागार के शोध की परिकल्पना नहीं की जा सकती तथा ऐसे शोध प्रमाणिक भी नहीं माने जाते हैं।अभिलेखागार में संरक्षित अभिलेखों का शोधार्थियों को उपयोग करना चाहिए। पूर्वाग्रह से ग्रसित इतिहास लेखन नहीं किया जाना चाहिए। इतिहास का पुनर्लेखन भारतीय दृष्टिकोण से किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।

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