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“लखनी रचना का संसार संस्था के द्वितीय वर्षगांठ समारोह में हास्य कवि मुकुल महान, महेंद्र भीष्म और कई साहित्यकारों ने रचनाएँ प्रस्तुत कीं। काव्य गोष्ठी में युवा कवियों ने भी समा बांधा।”

लखनऊ। यूपी प्रेस क्लब में लखनी रचना का संसार संस्था के द्वितीय स्थापना वर्ष पर एक भव्य और गरिमामयी साहित्यिक समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की मुख्य आकर्षण रहे देश के विख्यात हास्य कवि मुकुल महान, जिन्होंने अपनी हास्य-व्यंग्य रचनाओं से पूरे सभागार को ठहाकों से भर दिया। उन्होंने साहित्यकारों की जिम्मेदारी, संवेदनशीलता और समाज में उनकी अहम भूमिका पर प्रभावशाली उद्बोधन भी दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार महेंद्र भीष्म ने की।
उन्होंने कहा— “जिस साहित्यकार में लालच और घमंड है, वह अपनी मूल भावना से भटक जाता है। साहित्य की वास्तविक शक्ति अपनी जड़ों से जुड़ी रचनाओं में होती है।”

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में रिटायर्ड पुलिस अधिकारी डॉ. सत्य सिंह और डॉ. अवधिहरि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन लोकप्रिय साहित्यकार योगी योगेश शुक्ला ने किया।

संस्था की संरक्षिका मनोरमा श्रीवास्तव और जवाहरलाल श्रीवास्तव भी मंच पर गरिमामयी उपस्थिति में रहे।

काव्य गोष्ठी में रचनाकारों की चमक

कार्यक्रम में आयोजित काव्य गोष्ठी में संस्था से जुड़े विभिन्न शहरों के कवियों ने अपनी श्रेष्ठ रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
हॉल में कई बार तालियों की गूंज उठी, जिसने कार्यक्रम के माहौल को और ऊँचा कर दिया।

इस सफल आयोजन की पूरी व्यवस्था कार्यक्रम की संयोजिका रश्मि श्रीवास्तव ने बखूबी संभाली, जिसकी सभी साहित्यकारों ने सराहना की।

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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल

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