“राम मंदिर ट्रस्ट सुप्रीम कोर्ट से ऐतिहासिक सबूत और दस्तावेज़ वापस मांगेगा। फैसले का आधार बने पुरातात्विक साक्ष्य अयोध्या में बन रहे संग्रहालय में संरक्षित किए जाएंगे।”
हाइलाइट्स
- सुप्रीम कोर्ट से ऐतिहासिक साक्ष्य वापस मांगने की तैयारी
- ASI की खुदाई में मिले प्रमाण अभी SC में सुरक्षित
- राम मंदिर परिसर में भव्य संग्रहालय का निर्माण
- IIT चेन्नई के सहयोग से गैलरियों का डिज़ाइन
- मार्च 2026 तक गैलरी तैयार होने की उम्मीद
राम मंदिर ट्रस्ट सुप्रीम कोर्ट से ऐतिहासिक साक्ष्य वापस मांगेगा
अयोध्या। राम मंदिर निर्माण से जुड़े एक बड़े और ऐतिहासिक कदम के तहत श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अब सुप्रीम कोर्ट से उन सभी ऐतिहासिक साक्ष्यों और दस्तावेज़ों को वापस मांगने की प्रक्रिया शुरू करेगा, जिनके आधार पर राम मंदिर के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया था।
बताया जा रहा है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की खुदाई में मिले सभी प्रमाण—जो अब तक सुप्रीम कोर्ट के पास सुरक्षित हैं—उन्हें औपचारिक रूप से ट्रस्ट को सौंपने का अनुरोध किया जाएगा। इसके लिए ट्रस्ट द्वारा न्यायालय को एक औपचारिक पत्र भेजा जाएगा।
अब फैसले को चुनौती देने वाला कोई नहीं: नृपेंद्र मिश्र
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि—
“अब राम मंदिर के फैसले को चुनौती देने वाला कोई नहीं है, इसलिए ऐतिहासिक साक्ष्यों को संग्रहालय में संरक्षित किया जाना चाहिए।”
उन्होंने बताया कि सभी ऐतिहासिक प्रमाणों को राम मंदिर परिसर में बन रहे संग्रहालय में सुरक्षित रखा जाएगा, ताकि देश-दुनिया के श्रद्धालु और शोधकर्ता इन्हें देख सकें।
रामायण काल से जुड़े प्रसंगों की विशेष गैलरियां
मंदिर परिसर में रामायण काल से जुड़े विभिन्न प्रसंगों पर आधारित अत्याधुनिक गैलरियां बनाई जा रही हैं। इन गैलरियों के निर्माण और प्रस्तुति के लिए IIT चेन्नई के साथ एमओयू किया जा रहा है।
इन गैलरियों में—
- रामायण के प्रमुख प्रसंग
- हनुमान जी की मूर्ति का आधुनिक तकनीक से प्रदर्शन
- डिजिटल और इंटरैक्टिव माध्यमों का उपयोग
किया जाएगा।
मार्च 2026 तक तैयार होंगी गैलरियां
राम मंदिर ट्रस्ट ने उम्मीद जताई है कि मार्च 2026 तक सभी गैलरियों का निर्माण पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही देश-विदेश में उपलब्ध प्राचीन रामायण ग्रंथों का संग्रह भी मंदिर परिसर में किया जाएगा।
बाल्मीकि रामायण की प्राचीन प्रति गर्भगृह में रखने की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, बाल्मीकि रामायण की प्राचीन प्रति को राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित करने की योजना है। इसके लिए वाराणसी संस्कृत विश्वविद्यालय से संपर्क किया जा रहा है।


































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































