नई बाबरी मस्जिद विवाद, बाबरी मस्जिद निर्माण खींचातानी, हुमायूं कबीर बाबरी मस्जिद बयान, महंत राजू दास प्रतिक्रिया, ममता बनर्जी चुप्पी विवाद, बाबरी मस्जिद राजनीति, अयोध्या राम मंदिर बनाम बाबरी मस्जिद, मुस्लिम संत बाबरी मस्जिद विवाद, बंगाल चुनाव में धार्मिक राजनीति, टीएमसी विधायक बाबरी मस्जिद घोषणा, 6 दिसंबर बाबरी मस्जिद नींव, हिन्दू मुस्लिम राजनीति विवाद, बाबरी मस्जिद नाम पर विरोध, संत समाज बयान बाबरी मस्जिद, देश में धार्मिक तनाव,Babri Masjid controversy, New Babri Masjid dispute, Humayun Kabir Babri Masjid statement, Mahant Raju Das reaction, Mamata Banerjee silence on Babri Masjid, Babri Masjid political unrest, Ayodhya Ram Mandir vs Babri issue, West Bengal mosque controversy, Babri Masjid foundation 6 December, TMC MLA Babri Masjid announcement, Religious politics in Bengal, Hindu Muslim conflict India, Babri Masjid election politics, India mosque controversy news,हुमायूं कबीर फोटो, महंत राजू दास अयोध्या, बाबरी मस्जिद जमीन विवाद, बाबरी मस्जिद घोषणा पोस्टर, राजनीतिक बयान विवाद फोटो, बंगाल धार्मिक विवाद रैली, ममता बनर्जी राजनीतिक चुप्पी, राम मंदिर ध्वजारोहण कार्यक्रम,Humayun Kabir image, Mahant Raju Das Ayodhya, Babri Masjid debate poster, Bengal mosque dispute photo, Political statement controversy image, Mamata Banerjee silence, Ram Mandir celebration event, Religious clash India banner,Babri Masjid latest news, Ram Mandir current updates, Humayun Kabir TMC statement today, Mamata Banerjee Muslim politics, Babri Masjid West Bengal 6 December, Hindu saints press conference today, Babri mosque political issue in India, Religious conflict breaking news India, मुर्शिदाबाद बाबरी मस्जिद क्या बनेगी, बाबरी मस्जिद पर संत समाज प्रतिक्रिया, राम मंदिर ध्वजारोहण मोदी कार्यक्रम, West Bengal political tension news today,#BabriMasjidविवाद, #NewBabriMasjid, #HumayunKabir, #MahantRajuDas, #AyodhyaRamTemple, #BabriMasjidPolitics, #ReligiousTension, #BengalPolitics, #MamataBanerjee, #TMC, #HinduMuslimDebate, #PoliticalNewsIndia,

अभयानंद शुक्ल
समन्वय सम्पादक

अयोध्या में 25 नवंबर को राम मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ध्वजारोहण करने वाले हैं। पूरा शहर उत्सव और आध्यात्मिक उल्लास के माहौल में डूबा है। लेकिन इसी बीच पश्चिम बंगाल के टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर द्वारा आगामी 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में “नई बाबरी मस्जिद” बनाने की घोषणा ने राष्ट्रीय राजनीति में नया तूफान खड़ा कर दिया है।

घोषणा के बाद से संत समाज, हिंदू संगठनों और राजनीतिक दलों की तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुप्पी इस विवाद के केंद्र में आने लगी है।

“कहीं भी नहीं बनने देंगे बाबरी मस्जिद” — महंत राजू दास

हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कड़ी चेतावनी दी —

“भारत में अब कहीं बाबरी मस्जिद नाम की कोई भी इमारत नहीं बनने दी जाएगी। संत हाथ में माला भी रखते हैं, और बगल में भाला भी। किसी ने ज़बरदस्ती की तो ईंट से ईंट बजा देंगे।”

अयोध्या के ही महंत परमहंस आचार्य पहले ही हुमायूं कबीर का “सिर लाने पर 1 करोड़ रुपये इनाम” घोषित कर चुके हैं।

“जो हो, मस्जिद बनकर रहेगी” — हुमायूं कबीर का जवाब

संतों की धमकियों के बीच टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर अपनी घोषणा पर अडिग हैं। उन्होंने कहा —

“राजू दास होते कौन हैं यह तय करने वाले कि मस्जिद कहाँ और किस नाम से बनेगी। चाहे जान भी चली जाए, 6 दिसंबर को नींव रखकर रहूँगा। मस्जिद बनकर रहेगी — दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती।”

“चुनाव में मुसलमानों को भड़काने की कोशिश” — विनय कटियार

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता विनय कटियार ने हुमायूं कबीर पर चुनावी राजनीति का आरोप लगाया —

“बाबरी मस्जिद बनाने की बात कर मुसलमानों को भड़काने का प्रयास हो रहा है, लेकिन यह कोशिश सफल नहीं होने देंगे। भारत में कहीं बाबरी मस्जिद बनने नहीं दी जाएगी।”

ममता बनर्जी की चुप्पी — सियासी बवाल की असली वजह

घोषणा और आरोपों के बाद भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनकी चुप्पी हुमायूं कबीर को मौन समर्थन मानी जा रही है।

मुस्लिम पक्ष भी खुलकर मैदान में

विवाद पर मुस्लिम समुदाय के विचार भी सामने आए —

पक्षबयान
नाज़िम ख़ान (इस्लामिक स्कॉलर)“मस्जिद बनने में बुराई क्या है? नाम बनाने वाला तय करेगा, कोई और कैसे रोक सकता है?”
मुमताज़ आलम रिज़वी (मुस्लिम स्कॉलर)“बाबर को मिटा पाना आसान नहीं। अगर आप अच्छे मुसलमान से प्यार करते हैं तो अब्दुल कलाम के नाम पर मस्जिद बनाइए — किसने रोका है?”
कांग्रेस नेता हुसैन दलवई“बाबरी मस्जिद का मुद्दा चुनावी फायदा उठाने के लिए फिर उछाला जा रहा है।”

बीजेपी — “बाबर का नाम क्यों?”

पश्चिम बंगाल की बीजेपी सांसद ब्यूटी सिंह ने टिप्पणी की —

“बाबर भारत का था ही नहीं। फिर उसके नाम पर मस्जिद बनाने की जिद क्यों?

अंत में यही सवाल…

अयोध्या में राम मंदिर की पूर्णता के उत्सव के बीच
मुर्शिदाबाद में नई बाबरी मस्जिद की घोषणा
ने धार्मिक आस्थाओं, राजनीतिक हितों और चुनावी समीकरणों को फिर से तेज़ टकराव की ओर खड़ा कर दिया है।

अब सबकी निगाहें 6 दिसंबर और ममता बनर्जी की संभावित प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।
विवाद बढ़ेगा, थमेगा, या कोई राजनीतिक मोड़ लेगा — आने वाले दिनों की घटनाएँ यह तय करेंगी।

Tags:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *