अभयानंद शुक्ल
समन्वय सम्पादक
अयोध्या में 25 नवंबर को राम मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ध्वजारोहण करने वाले हैं। पूरा शहर उत्सव और आध्यात्मिक उल्लास के माहौल में डूबा है। लेकिन इसी बीच पश्चिम बंगाल के टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर द्वारा आगामी 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में “नई बाबरी मस्जिद” बनाने की घोषणा ने राष्ट्रीय राजनीति में नया तूफान खड़ा कर दिया है।
घोषणा के बाद से संत समाज, हिंदू संगठनों और राजनीतिक दलों की तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुप्पी इस विवाद के केंद्र में आने लगी है।
“कहीं भी नहीं बनने देंगे बाबरी मस्जिद” — महंत राजू दास
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कड़ी चेतावनी दी —
“भारत में अब कहीं बाबरी मस्जिद नाम की कोई भी इमारत नहीं बनने दी जाएगी। संत हाथ में माला भी रखते हैं, और बगल में भाला भी। किसी ने ज़बरदस्ती की तो ईंट से ईंट बजा देंगे।”
अयोध्या के ही महंत परमहंस आचार्य पहले ही हुमायूं कबीर का “सिर लाने पर 1 करोड़ रुपये इनाम” घोषित कर चुके हैं।
“जो हो, मस्जिद बनकर रहेगी” — हुमायूं कबीर का जवाब
संतों की धमकियों के बीच टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर अपनी घोषणा पर अडिग हैं। उन्होंने कहा —
“राजू दास होते कौन हैं यह तय करने वाले कि मस्जिद कहाँ और किस नाम से बनेगी। चाहे जान भी चली जाए, 6 दिसंबर को नींव रखकर रहूँगा। मस्जिद बनकर रहेगी — दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती।”
“चुनाव में मुसलमानों को भड़काने की कोशिश” — विनय कटियार
राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता विनय कटियार ने हुमायूं कबीर पर चुनावी राजनीति का आरोप लगाया —
“बाबरी मस्जिद बनाने की बात कर मुसलमानों को भड़काने का प्रयास हो रहा है, लेकिन यह कोशिश सफल नहीं होने देंगे। भारत में कहीं बाबरी मस्जिद बनने नहीं दी जाएगी।”
ममता बनर्जी की चुप्पी — सियासी बवाल की असली वजह
घोषणा और आरोपों के बाद भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनकी चुप्पी हुमायूं कबीर को मौन समर्थन मानी जा रही है।मुस्लिम पक्ष भी खुलकर मैदान में
विवाद पर मुस्लिम समुदाय के विचार भी सामने आए —
पक्ष बयान नाज़िम ख़ान (इस्लामिक स्कॉलर) “मस्जिद बनने में बुराई क्या है? नाम बनाने वाला तय करेगा, कोई और कैसे रोक सकता है?” मुमताज़ आलम रिज़वी (मुस्लिम स्कॉलर) “बाबर को मिटा पाना आसान नहीं। अगर आप अच्छे मुसलमान से प्यार करते हैं तो अब्दुल कलाम के नाम पर मस्जिद बनाइए — किसने रोका है?” कांग्रेस नेता हुसैन दलवई “बाबरी मस्जिद का मुद्दा चुनावी फायदा उठाने के लिए फिर उछाला जा रहा है।”
बीजेपी — “बाबर का नाम क्यों?”
पश्चिम बंगाल की बीजेपी सांसद ब्यूटी सिंह ने टिप्पणी की —
“बाबर भारत का था ही नहीं। फिर उसके नाम पर मस्जिद बनाने की जिद क्यों?
अंत में यही सवाल…
अयोध्या में राम मंदिर की पूर्णता के उत्सव के बीच
मुर्शिदाबाद में नई बाबरी मस्जिद की घोषणा
ने धार्मिक आस्थाओं, राजनीतिक हितों और चुनावी समीकरणों को फिर से तेज़ टकराव की ओर खड़ा कर दिया है।अब सबकी निगाहें 6 दिसंबर और ममता बनर्जी की संभावित प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।
विवाद बढ़ेगा, थमेगा, या कोई राजनीतिक मोड़ लेगा — आने वाले दिनों की घटनाएँ यह तय करेंगी।
























































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































