
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क श्रावस्ती। जनपद में शांत अवस्था में बह रही राप्ती नदी बरसात के दिनों में तबाही मचाने के लिए जानी जाती है। यही कारण है कि बारिश शुरू होते ही तटवर्ती गांवों के लोगों में बेचौनी और आशंका का माहौल बन है। ग्रामीणों को बीते वर्षों की बाढ़ की यादें फिर से डराने लगी हैं। शुक्रवार को राप्ती नदी का जलस्तर सुबह 8 बजे 127.30 मीटर, दोपहर 1 बजे 127.45 मीटर और शाम 4 बजे तक 127.45 मीटर पर स्थिर दर्ज किया गया है। जबकि खतरे का निशान 127.70 मीटर है। इस लिहाज से राप्ती फिलहाल खतरे के से 25 सेंटीमीटर नीचे बह रही है, लेकिन लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए तटवर्ती गांवों के लोगों में चिंता बनी हुई है। हर साल बरसात के दौरान वीरपुर लौकिहा,गजोबरी, बंदरा, ,शिकारी,पोन्दला पोंदली समेत दर्जनों गांव राप्ती की बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं। जलभराव के चलते कई ग्रामीण बेघर हो जाते हैं और फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचता है। ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन पहले से राहत व बचाव कार्यों की तैयारी कर ले, ताकि बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने पर लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े। वहीं प्रशासन की ओर से भी नदी के जलस्तर पर नजर बनाए रखने की बात कही जा रही है।