
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने आरोप लगाया है कि निजी घरानों को बेजा मुनाफा पहुंचाने के लिए पॉवर कारपोरेशन ने आर एफ पी डाक्यूमेंट में बढ़ा चढ़ा कर घाटा दिखाया है। संघर्ष समिति ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। 22 जून की महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं ट्रांसपेरेन्सी इंटरनेशलन के कार्यकारी निदेशक सम्मिलित होंगे। 22 जून को बिजली महापंचायत में व्यापक जन आन्दोलन का फैसला लिया जायेगा। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि पॉवर कारपोरेशन द्वारा विद्युत नियामक आयोग को निजीकरण हेतु सौंपे गये आर एफ पी डॉक्यूमेंट में 45 हजार करोड़ रूपये का घाटा दिखाया गया है जो पूर्णतया निराधार और भ्रामक है। दरअसल निजी घरानों को बेजा मदद पहुंचाने के लिए पॉवर कारपोरेशन ने बढ़ा चढ़ा कर घाटा दिखाया है। संघर्ष समिति ने कहा कि किसानों, बुनकरों और गरीबी रेखा के नीचे के उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सब्सिडी को पॉवर कारपोरेशन घाटे में जोड़ कर दिखा रहा है। जबकि इस सब्सिडी की धनराशि को देना सरकार का दायित्व होता है। उन्होंने कहा कि निजीकरण के आर एफ पी डाक्यूमेंट में निजीकरण के बाद पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के बाद 9102 करोड़ रूपये की सब्सिडी देने की बात कही गयी है। संघर्ष समिति ने कहा कि सरकारी क्षेत्र में सब्सिडी को पॉवर कारपोरेशन घाटे में जोड़ रहा है वहीं दूसरी ओर निजी घरानों के लिए सब्सिडी की धनराशि का अग्रिम भुगतान करने को तैयार है। इससे साफ होता है कि बढ़ा कर दिखाया गया घाटा गलत और भ्रामक है तथा आकड़ों की यह कलाबाजी केवल निजी घरानों को मुनाफा देने के लिए की जा रही है।22 जून को लखनऊ में होने वाली बिजली महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ दर्शन पाल और ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इण्डिया के कार्यकारी निदेशक रमानाथ झा ने आने की सहमति दे दी है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष श्री अवधेश कुमार वर्मा भी महापंचायत में सम्मिलित होंगे। अन्य प्रान्तों के बिजली कर्मचारियों और अभियन्ताओं के संगठनों के कई पदाधिकरी महापंचायत में सम्मिलित होने आ रहे हैं। इसके अतिरिक्त बड़े पैमाने पर किसान, मजदूर, अधिवक्ता, मजदूर नेता, छात्र नेता, बुद्धिजीवी, उपभोक्ता संगठनों के पदाधिकारी और बिजली कर्मी बड़ी संख्या में सम्मिलित होंगे। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ दर्शन पाल ने कहा है कि बिजली के निजीकरण के विरोध में हमेशा से ही किसान वर्ग रहा है। डॉ दर्शन पाल ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले उत्तर प्रदेश के लाखों किसान बिजली के निजीकरण के विरोध में चल रहे आन्दोलन का न केवल समर्थन करेंगे अपितु उसमें सक्रिय रूप से सम्मिलित होंगे। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशलन इण्डिया के कार्यकारी निदेशक और मा. सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता रमानाथ झा ने कहा है कि ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशलन ने अवैध ढंग से नियुक्त किये गये ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रान्ट थॉर्टन के झूठा शपथ पत्र देने और फर्जीवाड़ा करने के मामले पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक माह पूर्व पत्र लिखकर जांच की मांग की थी। ऐसा लगता है कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन और शासन में बैठे उच्च अधिकारियों ने निहित स्वार्थ के चलते ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशलन का पत्र दबा दिया है। बिजली महापंचायत में निजीकरण के पीछे हो रहे मेगा घोटाले को ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशलन उठायेगी। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि बिजली महापंचायत में भारी संख्या में उपभोक्ता सम्मिलित होंगे और किसी भी कीमत पर निजीकरण के बाद प्रदेश को लालटेन युग में नहीं जाने देंगे।