राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में लोक गायिका नेहा सिंह राठौर को आज राहत नहीं मिली। नेहा ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी थी। उन पर सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने का आरोप है। न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति बी. आर. सिंह की खंडपीठ ने मामले में अगली सुनवाई 6 जून को तय की है। नेहा ने याचिका में कहा है कि उन्हें दुर्भावनापूर्वक फंसाया गया है। उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई अपराध नहीं बनता है। मामला 22 अप्रैल को हुई पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ा है। नेहा ने इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए थे। सरकार पर सवाल उठाए थे। इन पोस्टों से आहत होकर अभय प्रताप सिंह ने हजरतगंज कोतवाली में नेहा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।नेहा के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर में आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने और देश की अखंडता को तोड़ने वाली पोस्ट की है। अभय प्रताप सिंह ने आरोप लगाया है कि नेहा सिंह राठौर की हरकतें सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और अशांति पैदा करने के उद्देश्य से की गई थीं। उन्होंने दावा किया कि राठौर की पोस्ट, जिन्हें पाकिस्तान में व्यापक रूप से शेयर किया गया, का इस्तेमाल पड़ोसी देश के मीडिया द्वारा भारत की आलोचना करने के लिए किया जा रहा था, जिससे देश की छवि को नुकसान पहुँच रहा था। अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर पर नेहा ने प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो पोस्ट किया और लिखा, पहलगाम हमले के जवाब में सरकार ने अब तक क्या किया है? क्या आपने मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की है? अगर हिम्मत है, तो जाकर आतंकवादियों के सिर वापस लाओ!

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