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“अल्पसंख्यक संस्थान विवाद उस समय बढ़ गया जब यूपी के मंत्री रघुराज सिंह ने कहा कि अब तक पकड़े गए कई आतंकी मदरसों और मस्जिदों से जुड़े हैं। उन्होंने मदरसे-मस्जिद और AMU की जांच की मांग की, जिसके बाद राजनीतिक घमासान तेज हो गया है”

लखनऊ। दिल्ली ब्लास्ट मामले में की गई गिरफ्तारियों के बाद उत्तर प्रदेश के दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री रघुराज सिंह के बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। मंत्री ने दावा किया कि अब तक पकड़े गए कई आरोपियों का संबंध “मदरसे या मस्जिदों” से रहा है। इसके आधार पर उन्होंने देश भर के मदरसे, मस्जिद और अल्पसंख्यक संस्थानों की जांच की मांग की।

उन्होंने अपने बयान में कहा कि “देश में कोई भी अल्पसंख्यक संस्थान नहीं होना चाहिए। इनके नाम पर अत्याचार, बलात्कार और व्यभिचार होते हैं।” मंत्री ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) की भी जांच कराए जाने की बात कही और यह दावा किया कि “यहां से बुरहान वानी जैसे लोग निकले हैं।”

मंत्री के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने इसे साम्प्रदायिक और भड़काऊ करार दिया है। विपक्ष का कहना है कि किसी भी संस्था या समुदाय को सामूहिक रूप से दोष देना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है और इससे समाज में अनावश्यक तनाव बढ़ सकता है।

सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया

सरकारी सूत्रों का कहना है कि दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच राष्ट्रीय एजेंसियाँ कर रही हैं और अभी तक किसी भी संस्था के खिलाफ आधिकारिक रूप से कोई सामूहिक आरोप निर्धारित नहीं किया गया है। वहीं, पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जांच एजेंसियाँ सभी पहलुओं पर स्वतंत्र रूप से काम कर रही हैं।

सोशल मीडिया पर बहस

मंत्री के इस बयान के बाद सोशल मीडिया में भी तीखी बहस शुरू हो गई है। कुछ उपयोगकर्ता इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा महत्वपूर्ण मुद्दा” बता रहे हैं, जबकि अन्य इसे “समुदाय विशेष के खिलाफ बयानबाज़ी” कह रहे हैं।

अल्पसंख्यक संस्थानों पर केंद्रित राजनीति

विशेषज्ञों का कहना है कि यह बयान उस समय आया है जब कई राज्यों में चुनावी प्रक्रियाएँ जारी हैं। ऐसे में इसे राजनीतिक बयान के रूप में भी देखा जा रहा है। मामले को लेकर अब संसद, मीडिया और राजनीतिक दलों में चर्चा लगातार बढ़ती जा रही।

“देश-दुनिया से जुड़े राजनीतिक और सामयिक घटनाक्रम की विस्तृत और सटीक जानकारी के लिए राष्ट्रीय प्रस्तावना के साथ जुड़े रहें। ताज़ा खबरों, चुनावी बयानबाज़ी और विशेष रिपोर्ट्स के लिए हमारे साथ बने रहें।”

विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ला

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