प्रयागराज : संगम नोज पर रविवार दोपहर गंगा स्नान करने गईं दो सगी बहनों की डूबने से मौत हो गई, जबकि साथ में डूब रही मामा की बेटी को नाविकों ने बचा लिया। दोनों बहनें अपने माता-पिता के साथ दारागंज स्थित मौसी के घर पूजा में शामिल होने आईं थीं। गोताखोरों ने घंटों मशक्कत के बाद दोनों बहनों के शव को बाहर निकाला।

बलिया के बासडीह थाने के हुसैनाबाद निवासी राजगीर अनिल अपनी पत्नी बेबी, दो बेटियां प्रीति (16) व प्रियंका (18) मां शनिचरी देवी, सास पूनम, बहन छठिया देवी और साथ में साले की बेटी पिंकी (22) के साथ शुक्रवार को दारागंज स्थित अपनी साली के यहां देवी पूजा में शामिल होने के लिए आए थे। 

अनिल ने बताया कि सोमवार को मसूरिया माई के धाम में निशान लेकर जाना था। उसी की तैयारी हो रही थी। रविवार को प्रीति, प्रियंका व पिंकी अपनी दादी, नानी व अन्य के साथ संगम स्नान करने आईं थीं। बताया जाता है कि स्नान करते समय तीनों डीप बैरीकेडिंग पार कर गईं। तभी यह हादसा हुआ।

दादी व नानी से अलग होकर नहा रही थी तीनों लड़कियां

छठिया देवी ने बताया कि बेटियों की दादी शनिचरी व नानी पूनम संगम नोज के किनारे व तीनों लड़कियां उनसे कुछ दूरी पर स्नान रहीं थीं। तभी तीनों डीप वॉटर बैरीकेडिंग के नीचे से डुबकी लगाकर पार हो गईं और गहने पानी में चली गईं। तीनों एक साथ डूबने लगीं, जिसे देख पास में स्नान कर रहे अन्य लोग चिल्लाना शुरू कर दिया। 

वहां मौजूद नाविकों ने उन्हें बचाने के लिए छलांग लगा दी मगर पिंकी को ही बचा पाए बाकी, दोनों बहनें गहरे पानी में समा गईं। दोनों बहनों को खोजने के लिए गोताखोरों को पानी में उतारा गया। करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद गोताखोरों ने प्रीति का शव पानी से बाहर निकाला। जबकि, प्रियंका का शव चार घंटे के बाद मिल पाया।

 हे गंगा मइया हमरे नातिन के दइद

दोनों बहनों के गंगा में डूबने के बाद परिजन बेसुध हो गए। दादी शनिचरी देवी व नानी पूनम का बुरा हाल था। दादी रोते-रोते कह रही थी, हे गंगा मइया महरे नातिन के दइद। वहां मौजूद अन्य परिजन किसी तरह उन्हें संभाला।

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