
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ : उत्तर प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने मंगलवार को कौशल विकास मिशन सभागार में प्रदेश सरकार द्वारा नियुक्त कंसल्टेंसी संस्था डेलॉयट के प्रतिनिधियों और विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में डेलॉयट प्रतिनिधियों ने विभाग के लिए निर्धारित लक्ष्यों की प्रगति का प्रस्तुतीकरण दिया और आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 की कार्ययोजना हेतु नए लक्ष्यों पर चर्चा की।
कौशल विकास मंत्री ने विभागीय लक्ष्यों की धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए डेलॉयट को इसमें तेजी लाने और लक्ष्यों पर पुनर्विचार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए जिनका प्रभाव अर्थव्यवस्था की वृद्धि में शीघ्र दिखाई दे। उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे आधुनिक ट्रेड्स शुरू किए जाएं, जिनसे प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को अधिक वेतन और बेहतरीन प्रौद्योगिकी ज्ञान मिल सके। साथ ही, स्व-रोजगार को बढ़ावा देने वाले क्षेत्रों में प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाए, जिससे युवा अपना व्यवसाय शुरू कर सकें।
कपिल देव अग्रवाल ने डेलॉयट अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे विभाग का व्यापक सर्वेक्षण करें और विश्लेषण करें कि मौजूदा योजनाओं और गतिविधियों को अधिक प्रभावी कैसे बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को केवल प्रशिक्षण देना पर्याप्त नहीं, बल्कि उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए एक व्यापक “स्किल मैप” तैयार किया जाए। इस मैप से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रशिक्षित युवाओं को उनकी योग्यता और कौशल के आधार पर उपयुक्त रोजगार के अवसर मिलें।
उन्होंने स्किल मित्रा पोर्टल को अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने और विभागवार प्रशिक्षण डेटा को व्यवस्थित करने पर भी जोर दिया, ताकि प्रशिक्षण कार्यक्रमों की प्रगति को आसानी से ट्रैक किया जा सके। बैठक में मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस संकल्प का उल्लेख किया, जिसमें उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने डेलॉयट अधिकारियों से आग्रह किया कि वे इस संकल्प को पूरा करने के लिए अपने दायित्वों को पूरे मनोयोग से निभाएं।
प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम ने डेलॉयट प्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि वे उद्योगों के साथ मिलकर अप्रेंटिसशिप सीटों की संख्या बढ़ाएं। उन्होंने सुझाव दिया कि कम रोजगार और स्व-रोजगार संभावना वाले ट्रेड्स को चिह्नित कर उन्हें राजकीय आईटीआई से हटाया जाए और उनकी जगह आधुनिक ट्रेड्स शुरू किए जाएं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 की कार्ययोजना के लिए जनपदों के प्रधानाचार्यों और अधिकारियों से चर्चा करने को कहा, ताकि लक्ष्यों को शीघ्र अंतिम रूप दिया जा सके।
डॉ. हरिओम ने कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन को नए कलेवर में चलाने का लक्ष्य है, जिसमें सभी का सहयोग अपेक्षित है। इस पहल से प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।