
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क कानपुर। आईआईटी में एक शोध छात्र की खुदकुशी के मामले में पुलिस ने असिस्टेंट प्रोफेसर, शोध छात्रा और उसकी मां के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया है। यह मुकदमा कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ है।मृतक अंकित यादव आजमगढ़ का रहने वाला था और आईआईटी कानपुर में रसायन विभाग में शोध कर रहा था।अंकित के पिता रामसूरत यादव ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे को योगिता यादव नामक शोध छात्रा ने अपने मोहपाश में फंसाया और आर्थिक शोषण किया।अंकित ने पर्सनल लोन लेकर योगिता को 50 हजार रुपये दिए।जब रामसूरत ने योगिता और उसकी मां मीरा यादव से शिकायत की,तो उन्होंने रुपये लौटा दिए।लेकिन इसके बाद भी योगिता और उसकी मां ने अंकित को परेशान करना जारी रखा।आरोप है कि योगिता और उसकी मां ने अंकित की आपत्तिजनक फोटो-वीडियो लेकर उसे वायरल करने की धमकी दी और पांच लाख रुपये की मांग करने लगी।योगिता के कहने पर ही गाइड असिस्टेंट प्रोफेसर पार्थसारथी श्री ने अंकित को लैब में रोकना शुरू कर दिया और उसे सबके सामने बेइज्जत करने लगे। इससे अंकित काफी परेशान हो गया और उसने 10 फरवरी को हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। अंकित के पिता रामसूरत यादव ने थाने में तहरीर दी थी,लेकिन सुनवाई नहीं हुई।इसके बाद उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया,जिस पर कोर्ट के आदेश पर कल्याणपुर पुलिस ने तीनों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।पुलिस अब इस मामले में जांच कर रही है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। इस मामले में आईआईटी प्रशासन की भूमिका भी जांच के दायरे में होगी। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर अंकित को इतना परेशान क्यों किया गया और किन परिस्थितियों में उसने खुदकुशी की।अंकित के पिता रामसूरत यादव का आरोप है कि आईआईटी प्रशासन ने भी इस मामले में लापरवाही बरती है और आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस ने बताया कि इस मामले में जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।इस मामले में आईआईटी प्रशासन को भी जांच में सहयोग करना होगा और यह पता लगाना होगा कि आखिर अंकित को इतना परेशान क्यों किया गया।