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“देश का सबसे प्रदूषित शहर बना गाजियाबाद, जहां AQI 422 दर्ज किया गया। धूल, कूड़े में आग और खराब वायु गुणवत्ता से लोगों का स्वास्थ्य खतरे में। प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास कमजोर पड़ते दिखे—पूरी रिपोर्ट पढ़ें।”

नई दिल्ली। देश का सबसे प्रदूषित शहर बना गाजियाबाद, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर 422 तक पहुंच गया है। पर्यावरणियों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार 400 से ऊपर का AQI “गंभीर” (Severe) श्रेणी में आता है, जिसमें सामान्य, स्वस्थ व्यक्ति भी सांस संबंधी समस्याओं का सामना कर सकता है।

गाजियाबाद का प्रदूषण बढ़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण सड़कों पर उड़ने वाली धूल, अनियंत्रित निर्माण कार्य और जगह-जगह कूड़े में लगाई जाने वाली आग मानी जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने सड़कों पर पानी का छिड़काव, कूड़ा न जलाने के निर्देश और प्रदूषण रोधी अभियान चलाने का दावा किया है, लेकिन स्थिति में खास सुधार नहीं दिख रहा है।

शहर में लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा मरीजों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। अस्पतालों में सांस की तकलीफ और एलर्जी के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
पर्यावरण विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि इस स्तर का प्रदूषण फेफड़ों, हृदय और आंखों पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

गाजियाबाद के अलावा, दिल्ली-एनसीआर के कई शहर भी उच्च प्रदूषण स्तर से जूझ रहे हैं, लेकिन 239 शहरों की सूची में गाजियाबाद पहले स्थान पर आया है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।

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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल

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