
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क पीलीभीत। पीलीभीत में हर सरकारी विभाग में भृष्टाचार बङा है अधिकारी कर्मचारी विना सुविधा शुल्क के जनता का कोई काम नही करना चाहते। एक आम आदमी पीङित अपनी समस्या का समाधान करवाने के लिए किसी सरकारी विभाग में जाता है तो साहब उसे बैठे मिलते नही या मिलना ही नही चाहते। बाबू हो या चपरासी उससे मिलते है और उसकी बात सुनकर उसे पहाङा पढ़ाते है कि साहब अभी विजी है फिर मिलेंगे ऐसा करो तुम्हारा काम हो जाएगा बस तुम्हे कुछ चढ़ावा चढ़ाने पङेगा। साहब को खुश करने के लिए नही तो ऐसे ही आफिस के चक्कर काटते रहोगे। मजबूत हो कर पीङित व्यक्ति साहब को चढ़ावा चढ़ाने को मजबूर हो जाता है कि कैसे भी उसका काम हो जाए। और वो बाबू चपरासी के बताए गए रूपए का इंतजाम कर उसे दे देता है। साहब के पास बाबू जाता है और साहब को बताता है कि साहब बेचारा आदमी है थोङा कम चढ़ावा देकर गया है और बाबू पीङित द्वारा दिए गए रूपए में से भी कन्नी काट लेता है। लेकिन साहब खुश हो जाते है कि हमारे स्टाफ के लोग कितने अच्छे और ईमानदार है। और फिर गाना गुनगुनाते है कि हम तो ठहरै परदेशी साथ क्या निभाओगे। और फिर अगले शिकार की तलाश में बैठे रहते है। कुछ लोगों को कचहरी में आपस में बात करते सुना कि भाजपा शासन काल में ऊपर तो सब ठीक है लेकिन नीचे महा भृष्टाचार फैला हुआ है इन्हे देखने धाला ना विधायक है ना सांसद है और ना मंत्री है सब अपनी अपनी रोटी सेक रहे है। जनता में एक बात तेजी से फैली हुई है कि फला अधिकारी फला नेता जी का है उसका कुछ नही होगा। माननीय मुख्य मंत्री योगी जी को अपने विधायको और सांसद मंत्री जी का चल अचल सम्पत्ति की चुनाव से पहले और बाद में जांच-पड़ताल करवाना चाहिए। और यह सब चुनाव से पहले हो जाना चाहिए।