
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच ‘डीएनए’ विवाद पर तकरार तेज हो गई है। दोनों नेताओं के बीच इस विवाद पर जुबानी जंग अब सोशल मीडिया और वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर फैल गई है।
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि सपा नेताओं का डीएनए ठीक नहीं है और उनके लिए प्रदेश में विकास की योजनाओं का लाभ पहुंचाना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि जो लोग भारतीय संस्कृति और इतिहास के प्रति सम्मान नहीं रखते, उनके डीएनए का मुद्दा उठाना जरूरी है।
योगी के इस बयान के बाद, अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री को डीएनए पर सवाल उठाने हैं तो पहले उन्हें खुद से शुरुआत करनी चाहिए। अखिलेश ने ट्वीट करते हुए लिखा, “अगर डीएनए की बात करनी है तो पहले मुख्यमंत्री को खुद अपने डीएनए पर गौर करना चाहिए। वे उत्तर प्रदेश में विकास और कानून-व्यवस्था की बात करते हैं, लेकिन उनके नेतृत्व में राज्य में अपराध और बेरोजगारी बढ़ी है।”
इस विवाद के बाद सपा के प्रवक्ता और अन्य नेता भी योगी सरकार के खिलाफ बयानबाजी करते हुए सामने आए। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव को मर्यादित भाषा का उपयोग करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा, “अखिलेश यादव को गाली-गलौच की बजाय, अपनी भाषा में संयम बरतना चाहिए और राज्य की जनता के हित में काम करना चाहिए।”
इस पूरे विवाद के बीच, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह आरोप-प्रत्यारोप चुनावी राजनीति का हिस्सा हैं और इसे तूल देने का उद्देश्य आगामी चुनावों में राजनीतिक लाभ उठाना हो सकता है।
यह विवाद अब सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन चुका है, जहां समर्थक और विपक्षी नेता दोनों अपनी-अपनी राय रख रहे हैं। ऐसे में यह देखना होगा कि इस जुबानी जंग का प्रभाव आगामी चुनावों में कितना पड़ता है।