सुप्रीम कोर्ट रोहिंग्या टिप्पणी, CJI रोहिंग्या बयान, रोहिंग्या अवैध प्रवेश, भारत रोहिंग्या विवाद, सुप्रीम कोर्ट बयान रोहिंग्या, रोहिंग्या मुद्दा सुप्रीम कोर्ट, Supreme Court Rohingya remark, CJI statement Rohingya, Rohingya illegal entry India, Supreme Court observation Rohingya, Rohingya controversy India, CJI comments on Rohingya, रोहिंग्या सुप्रीम कोर्ट सुनवाई, CJI की टिप्पणी रोहिंग्या, अवैध रोहिंग्या मुद्दा, Rohingya case Supreme Court, CJI strict observation, Illegal Rohingya entry India, #SupremeCourt, #RohingyaIssue, #CJIComment, #IndiaSecurity, #RohingyaControversy, #SupremeCourtUpdate,

“सुप्रीम कोर्ट रोहिंग्या टिप्पणी: CJI सूर्यकांत ने अवैध रूप से भारत आने वाले रोहिंग्या पर कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि सुरंगों के रास्ते देश में दाखिल होने वालों का स्वागत नहीं किया जा सकता। CJI ने कहा कि रोहिंग्या गरीब भारतीय बच्चों का हक मारते हैं और देश के संसाधनों पर बोझ बढ़ाते हैं।”

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट रोहिंग्या टिप्पणी पर आज देशभर में चर्चा तेज हो गई है। रोहिंग्या नागरिकों के अवैध प्रवेश से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए सरकार और याचिकाकर्ताओं दोनों को गंभीर संदेश दिया।

मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत ने सुनवाई के दौरान कहा—

“रोहिंग्या सुरंगों के रास्ते अवैध रूप से यहां आते हैं। अवैध रूप से आने वाले रोहिंग्याओं का क्या हम स्वागत करें? यहां आकर वे रोटी और रहने की जगह जैसे अधिकार मांगते हैं। ये सभी अधिकार आपके बच्चों के हैं। रोहिंग्या गरीब बच्चों का हक मारते हैं। क्या हमें कानून को इतना लंबा खींचना होगा?”

 सुप्रीम कोर्ट की कड़ी आपत्ति

CJI ने साफ किया कि—

  • देश के संसाधन सीमित हैं,
  • अवैध घुसपैठ भारतीय नागरिकों के अधिकारों पर सीधा प्रभाव डालती है,
  • राष्ट्रीय सुरक्षा और जनसांख्यिकीय संतुलन भी प्रभावित होता है।

 मामला क्यों उठा?

कई याचिकाओं में यह मांग की गई थी कि रोहिंग्याओं को मानवीय आधार पर मिलने वाली सुविधाएँ जारी रहें और जबरन निर्वासन न किया जाए।

लेकिन कोर्ट ने साफ किया कि—

“मानवता का अर्थ यह नहीं कि आप अपने बच्चों के अधिकार किसी और को सौंप दें।”

 CJI की टिप्पणी के मायने

  • मुद्दा केवल अवैध प्रवेश का नहीं,
  • बल्कि राष्ट्रहित, सुरक्षा, आर्थिक बोझ और सामाजिक प्रभाव से भी जुड़ा है।
  • कोर्ट ने संकेत दिया कि सरकार को इस पर कठोर और स्पष्ट नीति अपनानी होगी।

यह टिप्पणी आने वाले समय में रोहिंग्या से जुड़ी सरकारी नीतियों और कानूनी निर्णयों को प्रभावित कर सकती है।

“देश-दुनिया से जुड़े राजनीतिक और सामयिक घटनाक्रम की विस्तृत और सटीक जानकारी के लिए ‘राष्ट्रीय प्रस्तावना’ के साथ जुड़े रहें। ताज़ा खबरों, चुनावी बयानबाज़ी और विशेष रिपोर्ट्स के लिए हमारे साथ बने रहें।”

विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *