विधान परिषद शिक्षा मुद्दा, राज्य शिक्षा सेवा चयन आयोग अध्यक्ष विवाद, प्रशांत कुमार नियुक्ति, फर्जी भर्ती आरोप यूपी, UP Legislative Council Education News, Lucknow Vidhan Parishad News, Uttar Pradesh Education Politics, Winter Session UP Assembly, Political News Lucknow District, Uttar Pradesh State Education Scam विधान परिषद में शिक्षा मुद्दे पर चर्चा, UP Legislative Council session visuals, शिक्षा आयोग अध्यक्ष विवाद यूपी, SP MLC protest education, Lucknow Vidhan Bhavan inside view #विधानपरिषद, #राज्यशिक्षासेवाचयनआयोग, #EducationIssueUP, #UPLegislativeCouncil, #PrashantKumar, #फर्जीभर्तीआरोप, #LucknowNews, #UttarPradeshPolitics, #EducationScamUP,

“विधान परिषद में गूंजा राज्य शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष का मुद्दा। UP विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान सपा एमएलसी ने पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए फर्जी भर्तियों का आरोप लगाया।

हाइलाइट्स :

  • विधान परिषद में राज्य शिक्षा सेवा चयन आयोग अध्यक्ष की नियुक्ति पर सवाल
  • पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार को अध्यक्ष बनाए जाने पर विवाद
  • सपा एमएलसी ने फर्जी भर्तियों का लगाया आरोप
  • शिक्षा विभाग के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में नोंकझोंक
  • शिक्षकों, विद्यालयों और यूपी बोर्ड को लेकर सरकार से जवाब तलब

लखनऊ।  विधान परिषद में गूंजा राज्य शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष का मुद्दा — उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार से शुरू हुआ। पहले दिन समाजवादी पार्टी के सीटिंग विधायक सुधाकर सिंह के निधन पर शोक सभा आयोजित की गई, जिसके बाद विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। हालांकि विधान परिषद की कार्यवाही सुबह 11 बजे से शुरू होकर दोपहर बाद तक जारी रही।

विधान परिषद में सदस्यों ने सरकार के सामने कई महत्वपूर्ण सवाल रखे। सबसे प्रमुख मुद्दा राज्य शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर उठा। समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य डॉ. मानसिंह यादव ने पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार को आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने पर कड़ा एतराज जताया। उन्होंने कहा कि जिस तरह उनके कार्यकाल में फर्जी एनकाउंटर हुए, उसी तरह अब फर्जी भर्तियां कराने की जिम्मेदारी उन्हें सौंप दी गई है।

शिक्षा विभाग पर गरमाई राजनीति

सदन में शिक्षा विभाग को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई बार तीखी नोंकझोंक देखने को मिली। सपा एमएलसी मान सिंह यादव ने कंपोजिट विद्यालयों को अलग रखने की मांग उठाई। वहीं एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी और नेता प्रतिपक्ष एमएलसी लाल बिहारी यादव ने वित्तविहीन शिक्षकों और संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया।

केशव प्रसाद मौर्य ने दिए जवाब

विधान परिषद की कार्यवाही के दौरान नेता सदन और उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सदन में मौजूद रहे। उन्होंने माध्यमिक और उच्च शिक्षा से जुड़े प्रश्नों के उत्तर दिए। समाजवादी पार्टी के एमएलसी ने नियम 135 के तहत सूचना देते हुए आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश में शिक्षा का स्तर लगातार गिर रहा है।

आठ लाख बच्चे स्कूलों से बाहर

सपा सदस्यों ने बताया कि वर्ष 2015-16 में प्रदेश में 1,62,645 प्राथमिक विद्यालय थे, जबकि 2020-21 में यह संख्या घटकर लगभग 1,40,000 रह गई। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार एक वर्ष में यूपी के करीब आठ लाख बच्चे सरकारी स्कूलों से बाहर हो गए। स्कूलों के मर्जर से शिक्षकों और शिक्षामित्रों की नियुक्तियों पर भी असर पड़ रहा है।

विद्यालयों को कंपोजिट न करने की मांग

एमएलसी डॉ. मानसिंह यादव ने कहा कि सरकार विद्यालयों को मर्ज कर पदों को कम कर रही है। इससे शिक्षा का स्तर और नीचे जाएगा और शिक्षकों की छंटनी की आशंका बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि शराब और तस्करी को कंपोजिट करने में सरकार को कोई दिक्कत नहीं, लेकिन विद्यालयों को कंपोजिट न किया जाए।

विशेषाधिकार हनन का आरोप

एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने नियम 223 के तहत विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि विधान परिषद सदस्यों को नोडल जनपदों की बैठकों में आमंत्रित न कर लोकतंत्र की गरिमा को ठेस पहुंचाई जा रही है। इस पर नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने मामले पर विचार करने का आश्वासन दिया।

संस्कृत शिक्षकों में आक्रोश

एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने नियम 115 के तहत संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षकों के स्थानांतरण की सुविधा न होने पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश भर के संस्कृत शिक्षकों में भारी आक्रोश है।

यूपी बोर्ड को लेकर सियासी तकरार

नेता प्रतिपक्ष एमएलसी लाल बिहारी यादव ने यूपी बोर्ड को खत्म करने की साजिश का आरोप लगाया। हालांकि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने स्पष्ट किया कि सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है और यूपी बोर्ड को खत्म नहीं किया जा सकता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *