लखनऊ की बक्शी का तालाब सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक योगेश शुक्ला ने पुलिस पर भ्रष्टाचार और मनमानी का आरोप लगाते हुए अपने समर्थकों के साथ महिगवां थाने का घेराव किया। सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक द्वारा बृहस्पतिवार की शाम को पुलिस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए थाने का घेराव किये जाने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और रात में एक दारोगा समेत दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।

विधायक शुक्ला ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि महिगवां क्षेत्र के रहने वाले एक युवक का मोबाइल फोन खो गया था। बुधवार को महिगवां थाने से किसी ने फोन करके बताया कि उसका मोबाइल फोन मिल गया है। जब वह फोन लेने के लिए थाने पहुंचा तो एक पुलिसकर्मी ने फोन सौंपने के एवज में उससे दो हजार रुपये रिश्वत मांगी। शुक्ला के मुताबिक पीड़ित युवक ने उनसे मदद की गुजारिश की तो उन्होंने थाने में फोन करके युवक को उसका मोबाइल फोन लौटाने को कहा। युवक जब दोबारा थाने गया तो पुलिसकर्मियों ने उसे धमकाते हुए कहा कि उसका मोबाइल फोन नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि इसी तरह पुलिस पूरे कागजात मौजूद होने के बावजूद वाहनों का मनमाने तरीके से चालान कर रही है।

शुक्ला ने बताया कि लगातार शिकायतें मिलने पर वह बृहस्पतिवार शाम को अपने कुछ समर्थकों के साथ महिगवां थाने पहुंचे और पुलिस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए थाने का घेराव किया। देखते ही देखते वहां पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। स्थानीय लोगों के मुताबिक भीड़ ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की।

विधायक द्वारा थाने का घेराव किये जाने की सूचना मिलने पर पुलिस उपायुक्त कृष्णा चौधरी ने उनसे बात करके कार्रवाई का आश्वासन दिया। उसके बाद मामला शांत हुआ। चौधरी ने बताया कि इस मामले में महिगवां थाने के दारोगा धीरेंद्र राय और युवक से मोबाइल फोन के बदले दो हजार रुपये रिश्वत मांगने के आरोपी सिपाही पप्पू कुशवाहा को देर शाम लाइन हाजिर कर दिया गया।

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